
इस फैक्ट में प्रूव हो जाएगा की हम इंसान कितने सीधे साधे होते हैं !!
दोस्तोँ इस फैक्ट में प्रूव हो जाएगा की हम इंसान कितने सीधे साधे होते हैं या फिर कैसे हम किसी की बातों में आसानी से आ जाते हैं। साल 1997 में अमेरिका में एक 14 साल के लड़के नाथन जोहनेर ने अपने साइंस फेयर प्रोजेक्ट में अपने क्लास्स्मेटिस से एक खतरनाक केमिकल को ban करवाने के पेटिशन क लिए समर्थन माँगा और जिस केमिकल की बात यहाँ नाथन कर रहे थे उसका नाम है डाईह्यड्रोजन मोनोऑक्साइड।
अपनी प्रेजेंटेशन के दौरान नाथन ने ऐसे कईं साइंटिफिक पॉइंट्स रखे की क्यों इस केमिकल को ban होना चाहिए जैसे की यह की यह केमिकल हर साल अनगिनत लोगों की मौत का कारण बनता है या फिर यह की गैस फॉर्म में यह केमिकल आपको जला सकता है। tumours और एसिड रेन के एक मेजर कॉम्पोनेन्ट डाईह्यड्रोजन मोनोऑक्साइड के बारे में जोहनेर ने यह भी कहा की अगर आप इस पर डीपेंद हो गए तो इसकी तालाब आपकी जान ले सकती है।
यह सब बताने के बाद जब उसने अपने क्लास्स्मेटस से सवाल पूछा की क्या वह इसे ban करने के हक़ में हैं या नहीं तब 50 में से 43 बच्चों ने वोट किया की केमिकल को ban कर देना चाहिए। लेकिन दोस्तों आपको जानकार हैरानी होगी यह केमिकल टॉक्सिक या ज़हरीला नहीं है इनफैक्ट डाईह्यड्रोजन मोनोऑक्साइड सिर्फ एक उनकंवेंशनल नाम है वाटर(पानी) का जो लाइफ के लिए एक सबसे ज़रूरी एलिमेंट है।
जी हाँ नाथन यहाँ पानी की ही बात कर रहा था और हालाँकि उस के सभी पॉइंट्स फैतुअल्ली करेक्ट थे लेकिन उसने अपने मोटिव के हिसाब के कुछ जानकार जानबूझकर अपने क्लास्स्मेटस को नहीं दी जिसके चलते वह उन्हें mislead करने में कामयाब रहा। आगे चलकर इस फेनोमेनन को नाम दिया गया जोहनेरिस्म जिसमे ट्रू फैक्ट्स का इस्तेमाल लोगो को गलत कन्क्लूसंस तक पहुँचने में किया जाता है।
आज नज़र घुमाकर देखेंगे तो जोहनेरिस्म आपको अपने इर्द गिर्द ही देखने को मिल जाएगा इसीलिए किसी कन्क्लूसन पर पहुँचने से पहले ज़रूरी है की चीज़ों को पूरी तरह से समझ लें।