
एक बाँध में बिजली कैसे बनती है?
दोस्तोँ क्या आपने कभी कोई डैम या बाँध देखा है? अमूमन हमारे दिमाग में डैम सुन कर एक बड़ी सी झील और कंक्रीट की एक विशाल दिवार की तस्वीर आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं दोस्तों की डैम काम कैसे करता है और इसमें बिजली कैसे बनती है । नहीं ,तो मैं बताता हूँ। दोस्तों बांध बनाकर हम पानी की ताकत से बिजली बनाते हैं और इस पावर को हाइड्रोपावर या हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी कहते है।भारत दुनिया का सातवा सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोडूसर मुल्क है और हमारे देश की लगभग 25 प्रतिशत पावर सप्लाई की ज़रूरत हाइड्रोपावर से ही पूरी होती हैं। दोस्तों एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट के तीन मेजर पार्ट्स होते हैं ।
एक पानी का रिजर्वायर कंक्रीट का डैम और एक पॉवरप्लांट एक डैम के लिए ज़रूरी हैं नदी के पानी को एक विशाल कंक्रीट की दीवार बनाकर रोकना जिस से इस दिवार के पीछे पानी का एक कईं फ़ीट गहरा रिजर्वायर बन जाता है। पानी की इस झील में निचे कहीं एक इन्टेक टनल बनाई जाती है जिसके ज़रिये इस जमा हुए हाई प्रेशर पानी को पाइप्स की मदद से चैनल किया जाता है जो निचे पॉवरप्लांट में लगी टूरबीनेस को घुमा देता है । यह टरबाइन जनरेटर से जुडी होती हैं जो इस काइनेटिक एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल देता है। और फिर दोस्तों तारों के ज़रिये यह बिजली आपके शहरों और गाँव को रौशन करती है। है न एक इंजीनियरिंग मार्वल।