
खेल में गेंद की रफ़्तार हमे चंद पलों में कैसे बता दी जाती है?
दोस्तों आपने देखा होगा की क्रिकेट मैच मे जब भी कोई गेंदबाज बॉल डिलीवर करता है तो कुछ ही सेकंड मे ग्राफ़िक्स के जरिये ये बता दिया जाता है कि गेंद की स्पीड कितनी है लेकिन आपने कभी सोचा है की क्रिकेट मैच के दौरान गेंद की स्पीड को इतनी जल्दी कैसे माप लिया जाता है अगर नहीं तो मैं आपको बता दूँ की क्रिकेट मैच में गेंद की स्पीड मापने के लिए 2 अलग अलग टेक्निक्स का इस्तेमाल किया जाता है।
जिसमे पहली है स्पीड गन या राडार गन तकनीक। ये वह तकनीक है जिसका इस्तेमाल ट्रैफिक पुलिस सड़क मे चलती हुई कार की स्पीड को मापने में करती है ।ये तकनीक डाप्लर इफ़ेक्ट के सिद्धांत पे काम करती है। मैच के दौरान स्पीड गन या राडार गन ग्राउंड की बौंडरीस पर लगी होती हैं जो दुरी से भी किसी छोटी से छोटी चीज़ की स्पीड को माप सकती है। इसके अलावा क्रिकेट मैच में गेंद की स्पीड मापने के लिए हॉक आई तकनीक का इस्तेमाल भी गेंद की स्पीड मापने में किया जाता है। इस तकनीक में 6 अलग अलग कामर्स की मदद से बॉल के ट्रेवल को रिकॉर्ड किया जाता और मॉनिटर किया जाता है। हॉक आई का सबसे ज्यादा इस्तेमाल एलबीडबल्यू अपील होने के टाइम थर्ड अंपायरस करते है इस से यह पता चल जाता है की गेंद स्टंप में जा रही थी या नहीं।