
क्या आप “मांझी दी माउंटेन मैन ” के बारे में जानते हैं ?
दोस्तोँ इस फैक्ट में एक इन्स्पियरिंग कहानी एक इंसान एक अकेला इंसान भी ठान ले तो क्या नहीं हो सकता। हम “manjhi the mountain man “ को अकेले एक पूरा पहाड़ तोड़ते देख चुके हैं लेकिन आज मै आपको जिस इंसान के बारे में बताने जा रहा हूँ उस इंसान ने एक रेगिस्तान को 30 साल की कड़ी मेनहत के बाद अपने दम पर 1360 एकड़ के एक जंगल में बदल दिया ।
दुनिया के इस सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली को तब तक सूखा ,रेतीला और अंजार माना जाता था जब तक इस इंसान ने यहाँ कदम नहीं रखा था।जादव पायेंग (जादव पेेंग) जब 16 साल के थे तब उन्होंने एक दुखद दृश्य देखा ब्रह्मपुत्र नदी के इस द्वीप के किनारे कई मरे हुए साँप फैले थे। बाढ़ ने इन जीवों को द्वीप पर तो पहुंचा दिए था लेकिन जहां गर्मी और छाया की कमी के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। क़ुदरत की इस तबाही को देखने के बाद जादव ने एक संकल्प लिया की वो हर दिन एक पेड़ लगाकर रेतीले बंजर द्वीप को पुनर्जीवित करने की कोशिश करेगा । उसके बाद उन्होंने 1978 से यहाँ पेड़ लगाना शुरू किया और अब दोस्तों वही बंजर भूमि 40 साल बाद एक हरा भरा जंगल बन गई है। यह जगह न्यूयॉर्क के मशहूर सेंट्रल पार्क से भी बड़ी है और वेटिकन सिटी के आकार से 12 गुना जयदा बड़ी है। आज ये जंगल बंगाल के बाघो, हिरणो, गैंडो, गिद्धों, हाथियों और बेशक कईं सांपों का घर बन चुका है।और दोस्तों सबस खुशी की बात तो यह है कि उनके प्रयासो को अनदेखा नहीं किया गया और उनके काम को भारत के पूर्व राष्ट्रपति ने भी मान्यता दी जिन्होंने उन्हें “फारेस्ट मैन ऑफ़ इंडिया” की उपाधि दी थी। है न दोस्तों कमाल की कहानी।