
क्या रात में सोते हुए आपको ऐसा लगा है कि आप अचानक गिर रहे हैं?
दोस्तोँ क्या रात में सोते हुए कभी आपको ऐसा लगा है कि आप अचानक गिर रहे हैं? एक झटके से हमारी आँखें खुल जाती हैं और फिर हम realize करते हैं की ऐसा कुछ भी नहीं था। तो दोस्तों आपको बतादू ऐसे एक्सपीरियंस सिर्फ आपको ही नहीं होता। इनको हिप्निक जर्क कहते हैं और यह एक बहुत ही सामान्य बात है।आईये जानते हैं की यह जेर्क्स हमें क्यों लगते है। दोस्तों इसपर कोलोराडो विश्वविद्यालय में एक शोध हुआ था और उसकी रिसर्च में जो तर्क निकला वो बहुत ही कमाल का था।
दोस्तों हमारे पूर्वज शिकारिओं से सुरक्षित रहने के लिए पेड़ पर सोते थे। जब ये पेंड की डाल पर सोते थे तब इनको हमेशा गिरने का डर लगा रहता था। यहीं वो डर है जो हमारे पूर्वजों को बचा पाया और हमारे अंदर आज भी है। हमारे जो पूर्वज गिरने के इस डर से नींद से उठ जाते थे वो ज़िंदा रहे और उसकी वजह से ही हम हैं। हमारे अंदर उनका डीएनए है। जो पूर्वज नींद से नहीं जागे उनका वंश ही ख़तम हो गया।
हमारे पूर्वजो की यही इंस्टिंक्ट हमारे अंदर आज भी मौजूद है और जब हम सोते हैं तो इसी वजह से कभी कभी हमे लगता है की हम गिर रहे हैं। यह प्रक्रिया बिलकुल ही मनोवैज्ञानिक है और इसमें आपके स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ने वाला इसलिए चिंता न करें। तो दोस्तों अगली बार आप बिस्तर पर बैठे बैठे गिरने लगें तो मुझे याद ज़रूर कीजियेगा।