
क्या है टेस्ला कंपनी की इतनी सफलता का राज़?
दोस्तों, 2015 में इंडियन प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी US में टेस्ला फैक्ट्री की विजिट पर गए थे।एक साल बाद नितिन गडकरी एलोन मुश्क से मिले और उन्हें अपनी कार फैक्ट्री इंडिया में लगाने के लिए मुफ्त में ज़मीन भी ऑफर की। लेकिन 2017 में टेस्ला ने शंघाई चीन में अपनी नयी कार फैक्ट्री लगाने का फैसला किया। आज उसी फैक्ट्री से मार्किट में हर हफ्ते 1000 टेस्ला कार्स बनकर बाहर निकल रही हैं। लेकिन जानते हैं टेस्ला भारत के बजाए चीन में क्यों गयी? इसका सबसे पहला कारण था की तब तक इंडिया की इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी ही फ़ॉर्मूलाते नहीं थी जबकि चीन 2006 से अरबों रूपए इस फील्ड में रिसर्च पर लगा रहा है।
दूसरा सबसे बड़ा कारण था चीन का टेस्ला को एक स्पेशल एक्सेम्पशन देना जिसके मुताबिक टेस्ला को चीन में किसी के साथ जॉइंट वेंचर करने की ज़रूरत नहीं थी और उसे फैक्ट्री का पूरा मालिकाना हक़ मिलना था। यह ऑफर एलोन को बहुत अच्छा लगा क्यूंकि चीन में एक तो लार्ज स्केल इंडस्ट्री सेटअप करने के लिए बेहतर माहौल है और चीन की बड़ी आबादी का एक बड़ा हिस्सा टेस्ला की इन कार्स के लिए पोटेंशियल मार्किट भी था।
अब टेस्ला चीन में मैसिव इंवेस्टमेंट्स कर रहा है और चीन में एक ओरिजिनल कार को डिज़ाइन करने और उसकी रिसर्च के लिए चीन डिज़ाइन एंड इंजीनियरिंग सेण्टर भी सेटअप कर चूका है। यह सब यहाँ अपने देश में भी हो सकता था लेकिन टेस्ला तो सिर्फ एक नाम है। ऐसे कईं कम्पनीज हैं जो यहाँ इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं ज़रूरत है तो बस अपनी कमिओं को पूरा करने की।