
जब अंतरिक्ष इतना ठंडा है तब वहां सैटेलाइट या फिर स्पेस स्टेशन ठण्ड से जम क्यों नहीं जाते?
जब अंतरिक्ष इतना ठंडा है तब वहां सैटेलाइट या फिर इंटेरनाशनल स्पेस स्टेशन ठण्ड से जम क्यों नहीं जाते?यह मुमकिन कैसे है की इस तापमान में रहकर सन जैसे स्टार्स हज़ारों करोड़ों सालों से लाइट और हीट एनर्जी दे रहे हैं। इसका जवाब जान ने से पहले आपको इस मिथ्या से निकलना होगा की स्पेस में प्रवेश करते ही हर चीज़ बर्फ बन जाती है!
असल में अंतरिक्ष एक वैक्यूम है किसी भी ऑब्जेक्ट की हीट को कम करने के लिए वहां कोई लिक्विड मध्यम होता ही नहीं। इसलिए किसी भी ऑब्जेक्ट की चाहे वह सॅटॅलाइट हो या स्पसेसक्रॉफ्ट उस से हीट निकलने का एकमात्र जरिया इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिशन होता है और वह भी ख़ास तौर पर इंफ्रारेड बैंड में!इस प्रक्रिया में हीट इतनी धीमे निकलती है की डेड होने के बावजूद वाइट ड्वार्फ स्टार्स जैसी ऑब्जेक्ट्स हज़ारों करोड़ों सालों तक हीट एनर्जी खुद में समाये रख सकते हैं!कहने का मतलब यह है की स्पेस में सैटेलाइट्स और इस का फ्रीज होने से ज्यादा खतरा उनके ओवरहीट होकर जल जाने में है क्यूंकि स्पेस में आप हीट एनर्जी अब्सॉर्ब तो कर सकते हैं लेकिन निकलने के लिए कोई मध्यम नहीं होता।
यही कारण है दोस्तों की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन अमोनिया से भरे हुए बड़े बड़े हीट रेडियटर्स से ढाका हुआ होता है ताकि इक्विपमेंट और एस्ट्रोनॉट्स के शरीर की गर्मी से उनका क्राफ्ट ओवर हीट न हो जाए। उम्मीद है कुछ कुछ समझ आया होगा।