
जब पानी ना मिलने पर खुद खोद डाला इस आदमी ने कुआं!
दोस्तोँ यह फैक्ट है महाराष्ट्र की वाशिम डिस्ट्रिक्ट के बापुरो तजने के बारे में जो हमारे समाज का नंगा चेहरा और एक आदमी की दृढ़ इच्छाशक्ति का कमाल इन दोनों को उजागर करता है। किस्सा 2016 का है बापुरो के गाँव के आसपास के सभी कुएं सूखने लगे थे और कुछ ही कुओं में पानी बचा था लेकिन जाट से दलित और गरीब होने की वजह से जब गाँव के उच्च जाती के रसूखदार लोगों के बापुरो के परिवार को कुएं से पानी लेने से मना कर दिया तो वह परेशान हो गया।
उसने खुद ही एक कुआं खोदने का फैसला किया और इस काम में जुट गया। सब उसे पागल समझ रहे थे और उसके घर वालों तक ने उसकी मदद नहीं की।
40 दिन तक जी तोड़ मेहनत और कईं फ़ीट खुदाई के बाद बापुरो को आखिर पानी मिल गया जिसके बाद उसका मज़ाक उड़ाने वाले उसकी मदद करने लगे। इसके बाद से बापुरो के परिवार को फिर पानी के लिए तरसने की ज़रूरत नहीं पड़ी और इतना ही नहीं इस कुएं से बाकी दलित परिवारों को भी सहारा मिला। यह बताने का मेरा मकसद सिर्फ इतना है दोस्तों की आप समझ सके की जितना अपने आस पास देखते हैं सुनते हैं जान पाते हैं उस से बहुत बड़ा है हमारा देश और इसके कईं हिस्सों में ऐसी घटना कोई बड़ी बात नहीं।