
जहाँ ज़ख्म पर टाँके लगाने के लिए चिंटिओं का इस्तेमाल किया जाता है!!
दोस्तोँ क्या आप जानते हैं की दुनिया के कुछ इलाकों में खुले ज़ख्म पर टाँके लगाने के लिए चिंटिओं का इस्तेमाल किया जाता रहा है और इस प्रेहिस्टोरिक सर्जरी की जड़ें हमे प्राचीन अमेरिका में मिलती हैं। रेसरचर्स का मानना है की इंसान इन चिंटिओं को अपने ज़ख्मों पर 12000 से भी ज्यादा सालों से इस्तेमाल कर रहा है।
एंटोमोलॉजिस्ट जस्टिन श्मिड्ट का कहना है की इस प्रोसेस के लिए आर्मी ants आइडियल रहती हैं। इन चिंटिओं की कॉलोनीज में मेजर कहलाने वाली यह डिफेंस ants होती हैं जिनका जबरा या मंडीबल्स बाकी चिंटिओं से कई गुना बड़े होते हैं। जब इन चिंटिओं को सर के पीछेवाले हिस्से से पकड़ा जाता है तब यह अपना जबरा पूरा खोल देते हैं और इनके दोनों पिंकर्स को ज़ख्म के दोनों तरफ रख कर इसे छोड़ते ही यह डिफेंस अंत वही करती है जिसके लिए यह बनी होती हैं।
अपने जबड़े को बंद करके यह ज़ख्म पर मानो जैसे एक सील लगा देती हैं इसके तुरंत बाद चींटी के पिछले हिस्से को काट दिया जाता है और इसका सर ज़ख्म स्वेटर पर लगे एक बटन की तरह चिपक जाता है।