
जिसने अपनी करनी से हर भारतीय का सर शर्म से झुका दिया!!
दोस्तों इंडियंस पूरी दुनिया में पाए जाते हैं और जहां हम नासा में काम करने वाले भारतीय वैज्ञानिकों और अमेरिका में इंडियन ओरिजिन के सैकड़ों डॉक्टर्स के बारे में बात करते हैं तो गर्व से हमारी छातीआँ चौड़ी हो जाती हैं। लेकिन आज मैं आपको विदेश में रह रहे सौरव उपाध्याय नाम के एक शक़्स की करतूत के बारें में बताने जा रहा हूँ जिसने अपनी करनी से हर भारतीय का सर शर्म से झुका दिया।
दरअसल मार्च के महीने में दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में कोरोना संक्रमित जमातिओं के मिलने के बाद हमारे देश के प्रोपेगंडा मीडिया चैनल्स ने जमातिओं और मुस्लिमों पर जमके ज़हर उगला। जनता में ज़हर बोन का काम यह देशद्रोही मीडिया पिछले कईं सालों से करता आ रहा है लेकिन इस बार यह ज़हर भारत की सरहद के बहार दुबई के शाही परिवार तक पहुँच गया जिसके बाद हमारी जैम के फ़ज़ीहत हुई।
हुआ क्या की कुछ हफ्ते पहले दुबई में रहने वाले भारतीय बिज़नेसमैन सौरभ उपाध्याय के कुछ ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट संयुक्त अरब अमीरात में सोशल मीडिया पर circulate होने लगे । इन ट्वीट्स में सौरव भारत में कोरोना का ज़िम्मेदार तब्लिकिओं को बता रहे थे और मुसलमानो को उनका बचाव करने का दोषी ठहरा रहे थे। सौरभ ने यह भी लिखा था कि दुबई जैसे शहर भारत से आये हिन्दू श्रमिकों के ही बनाये हुए हैं। इन वायरल स्क्रीनशॉट्स पर UAE की राजकुमारी हेंद अल-क़ासिमी की नजर पड़ीं तो उन्होंने सौरव उपाद्यय की सम्प्रदायक सोच का मुहतोड़ जवाब दिया।
16 अप्रैल को उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा की UAE में जो भी नस्लभेद या भेदभाव करता पाया जाएगा उस पर भारी जुर्माना लगेगा और साथ ही देश छोड़ने के लिए भी कहा जाएगा। अपने दूसरे ट्वीट में अल-क़ासिमी ने लिखा की अरब का शाही परिवार भारतीयों को अपना अच्छा दोस्त मानता है। लेकिन किसी की बेअदबी का स्वागत नहीं किया जा सकता। इस घटना के बाद कईं और भी खाड़ी देशों ने खुलकर ये कहना शुरू कर दिया है की भारत सरकार अपने यहाँ मुसलमानों के साथ हो रही ग़ैर-बराबरी पर गौर करे।
दोस्तोँ ऐसी घटनाओं से सीखते हुए हमे समझना होगा की कट्टर सम्प्रदायक सोच हमे ज़माने में आगे नहीं पीछे ही धकेल रही है। हमे सोचना होगा क्यूंकि इन खाड़ी देशों में हमारे लाखों देशवासी जाकर रोजीरोटी कमाते हैं। दुनिया के सामने जो धर्मनिरपेक्ष छवी भारत की हैं उससे कुछ लोग जी जान से बिगड़ने में लगे हुए हैं जिसका हमे नुक्सान ही होगा ।