
टीवी सीरियल्स और मूवीज का ये राज़ जो शायद आप नहीं जानते!!
दोस्तों क्या आप जानते हैं कि ज्यादातर हॉलीवुड और बॉलीवुड की मूवीज के एपिक सीन्स अक्सर एक बंद कमरे में ही शूट कर लिए जाते हैं और यह मुमकिन हो पाता है कमाल की प्रोफेशनल लाइटिंग , डायरेक्शन और कंप्यूटर ग्राफ़िक्स की मदद से।
लेकिन ऐसे सेट पर एक नज़र दौड़ाने पर जो चीज़ आपका ध्यान सबसे पहले अपनी और खींचती हैं |
वो होती है यह ग्रीन स्क्रीन जिसे क्रोमा स्क्रीन भी कहते हैं। एक्टर्स इस हरे रंग के परदे के आगे ही एक्टिंग करते हैं और फिर कंप्यूटर उन्हें एक वर्चुअल सेट में फिट कर देता है। और रिजल्ट में मिलते हैं नामुमकिन से दिखने वाले कमाल के शॉट्स जिन्हे देख आपका मुँह खुला का खुला रह जाता है।
लेकिन दोस्तों एक ऐसे मूवी सेट पर यह सभी परदे ग्रीन होते हैं इसका भी एक ख़ास कारण है। दरअसल यह ब्राइट ग्रीन कलर हमारी नेचुरल स्किन टोन या फिर शरीर के किसी भी हिस्से से मैच नहीं करता , इसीलिए इस रंग के बैकग्राउंड को ट्रांसपेरेंट करके सब्जेक्ट को ऑयसोलेट करना आसान हो जाता है । लेकिन ऐसा नहीं है कि क्रोमा सिर्फ ग्रीन कलर की ही होती है , किसी भी ऐसे रंग की स्क्रीन जो रंग हमारे नेचुरल कलर्स से न मिलता हो को इस्तेमाल किया जा सकता है बशर्ते एक्टर ने भी उसी रंग का कोई कपडा न पहना हो नहीं तो क्रोमा कीइंग के वक़्त उसका वो बॉडी पार्ट भी ट्रांसपेरेंट ही दिखेगा। तो कुछ समझे ?