
ट्रैन के ट्रैक के बगल में एलुमिनियम के बॉक्सेस का क्या काम होता है?
दोस्तों अगर आप ट्रैन से रेगुलर सफर करते हैं तो आपने ट्रैक के बगल में लगे इन एल्युमीनियम बॉक्सेस को ज़रूर देखा होगा। लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं की इन बॉक्सेस का क्या काम होता है और यह वह क्यों फिट किये जाते हैं?अगर नहीं तो दोस्तों आपको बतादूँ की ट्रैक के हर चार से पांच किलोमीटर पर फिट होने वाले ये बॉक्स ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेने की स्पीड और उनके पहियों के एक्सेल को गिनने का काम करता है। इन अल्लुमिनियम के बॉक्सेस के अंदर एक स्टोरेज डिवाइस होता है जो एक तार की मदद से पटरी से कनेक्टेड होता है।
जैसे ही बॉक्स के पास से कोई भी ट्रैन गुज़रती है इसका मीटर यह काउंट कर लेता है की उस ट्रैन में कितने एक्सेल लगे हुए थे। अब एक ट्रैन में असेल कितने हैं यह डिपेंड करता है की उसकी वोगिओं में चक्के कितने हैं। जैसे की मान लीजिये एक ट्रैन में चार चक्के हैं तो उसमे दो एक्सेल इन चार चक्को को आपस में जोड़े होंगे और मान लीजिये ट्रैक से गुजर रही ट्रैन 20 बोगी की है तो उसमे चालीस एक्सेल होंगे!अब आप सोचेंगे की एक्सेल काउंट करने से क्या होता है तो मैं आपको बता दूँ की ये एक्सेल काउंटर बॉक्स ये काउंटिंग यह कन्फर्म करने के लिए करता है की पूरी ट्रैन उस पॉइंट से गुज़र गयी है या नहीं। एक्सेल स्टोरेज डिवाइस इन एक्सेल को काउंट कर आगे चार से पांच किलोमीटर बाद लगे हुए बॉक्स को यह इनफार्मेशन भेजता है की अभी जो ट्रैन गुजरी है उसमे चालीस एक्सेल थे।
फिर जब वही ट्रैन अगले बॉक्स से होकर गुजरती है तो वो बॉक्स भी ये चेक करता है की उस ट्रैन में चालीस एक्सेल हैं या नहीं और अगर अगले बॉक्स की काउंटिंग में कुछ गड़बड़ी पाई जाती है तो वह तुरंत नजदीकी रेलवे स्टेशन को इन्फॉर्म कर देता है की ट्रैक से गुजर रही ट्रैन में कुछ गड़बड़ी पायी गयी है।