
ट्रैन सफर के दौरान इतनी मज़ेदार नींद क्यों आती है?
क्या आपने कभी यह गौर किया है की ट्रैन में सीट पर लेटते ही मस्त आरामदायक नींद आ जाती है, जानते हैं इसके पीछे भी साइंस हैं आपको जानकार हैरानी होगी की इंडियन रेलवेज के कोचेस के सस्पेंशन की रेजोनेंस फ्रीक्वेंसी को डिजाइनिंग के वक़्त 1.2 heartz के करीब करीब रखने की कोशिश की जाती है और इतनी ही हमारी ह्यूमन बॉडी की फंडामेंटल फ्रीक्वेंसी या फिर हार्ट बीट रेट होती है और इसीलिए दोस्तों हमे ट्रेंस में सुकून की नींद आती है। है न गज़ब।