जो काम नासा में बैठे विद्वान साइंटिस्ट नहीं कर पाए उसे चेन्नई शहर के इस इंजीनियर ने कर दिखाया!!
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जो काम नासा में बैठे विद्वान साइंटिस्ट नहीं कर पाए उसे चेन्नई शहर के इस इंजीनियर ने कर दिखाया!!

जो काम नासा में बैठे विद्वान साइंटिस्ट नहीं कर पाए उसे चेन्नई शहर के इस इंजीनियर ने कर दिखाया!!दोस्तों, हाल ही में चंद्रयान 2 मिशन पर भेजा गया विक्रम लैंडर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था और क्रैश हो गया था। महीनो तक इसरो और नासा इस लैंडर की क्रैश साइट को ढूंढ़ते रहे लेकिन उनके हाथ कुछ न लगा। लेकिन जो काम नासा में बैठे विद्वान साइंटिस्ट नहीं कर पाए उससे चेन्नई शहर के इंजीनियर ने कर दिखाया और लैंडर की क्रैश साइट को खीज निकला और उसकी इस फाइंडिंग को नासा ने भी बाद में कन्फर्म किया। चेन्नई में रहने वाले शनमुगा सुब्रमण्यम पेशे से एकऐप डेवलपर हैं। जब नासा ने चाँद की लेटेस्ट फोटो रिलीज़ की तब सुब्रमण्यम ने जल्दी से उसकी ओरिजिनल इमेज डाउनलोड कर ली । यह इमेज 1.5 जब की इमेज फाइल थी इतने साइज़ की एक हाई क्वालिटी मूवी होती है। इमेज की क्वालिटी तो खूब अच्छी थी लेकिन इससे विक्रम का कोई अंदाज़ा नहीं लग रहा था। सुब्रमण्यम को भी पहले कुछ समझ में नहीं आया। लेकिन उनके ऊपर भूत सवार था।सुब्रमण्यम ने जुगाड़ लगाना शुरू किया। सबसे पहले उन्हें ये अंदाज़ा लगाना था कि विक्रम कहां गया होगा। इसके लिए उन्होंने विक्रम के आखिरी मिनटों का डेटा निकालना शुरू किया। रेडिट के कुछ फॉर्म्स से ट्विटर और इसरो से सारा डेटा इकट्ठा करके उन्होंने पता लगाया कि विक्रम अपनी लैंडिंग साइट के 2(किलोमीटर) के एरिया में होगा। सुब्रमण्यम ने चांद पर उस एरिया को मार्क किया और वहां की पुरानी तस्वीरों को उस से compare करने लगे। 

कई दिनों तक घंटों-घंटों तक सुब्रमण्यम पिक्सल दर पिक्सल पुरानी और नई फोटो को देखते और परखते रहे। ढूंढ़ते-ढूंढ़ते उन्हें इमेज में एक सफेद डॉट दिखा सुब्रमण्यम को ये सफेद बिंदु अजीब लगा क्योंकि लैंडिंग से पहले की तस्वीरों में ये बिंदु नजर नहीं आ रहा था। जब वैसी ही और इमेजेज देखीं तो उन्हें पक्का हो गया कि ये बिंदु विक्रम का मलबा ही है। इसके बाद सुब्रमण्यम ने इस सबूत के साथ नासा और इसरो को ट्वीट किया उन्हें मेल भेजा और उनकी तरफ से कन्फर्मेशन का इंतज़ार किया। इस फोटो में विक्रम लैंडर का इम्पैक्ट पॉइंट और वो इलाका दिख रहा है जहां मलबा फैला। हरे रंग के डॉट्स मलबे को दिखा रहे हैं। नीले रंग के डॉट्स यहां की मिट्टी में आई तब्दीलियों को दिखा रहें है खैर नासा ने शनमुगा सुब्रमण्यम को क्रेडिट देते हुए ये सारी जानकारी बाद में सार्वजनिक की। 

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