
पक्षी ‘V’ के आकार में क्यों उड़ते हैं?
दोस्तोँ आपने भी कईं बार गौर किया होगा की कुछ परिंदे हमे हवा में एक ख़ास पैटर्न जैसे V शेप में उड़ते हुए दिखाई पड़ते हैं. मगर वो ऐसा क्यों करते हैं! क्या मस्ती-मजाक मे? जवाब है नहीं! इसके पीछे भी साइंस है। दोस्तों इन shapes में उड़ने वाले परिंदों में ज्यादातर अप्रवासी पक्षी होते हैं जो कईं कईं सो मील की लम्बी उड़ाने भरते हैं। इन लम्बी उड़ानों के दौरान उन्हें अपनी ताकत बनाय रखने होती है और एनर्जी भी सेव करनी होती है जो वो इन शपेस में उड़कर बखूबी करते हैं। इसका राज़ इन पक्षियों के बनाये पैटर्न्स में होता है। V शेप में उड़ते इस पक्षियों के झुण्ड को ड़याँ से देखिये। सबसे आगे उड़ने वाला पक्षी इस फार्मेशन का लीडर कहलाता है और उसकी पोजीशन सबसे ज्यादा थकाने वाली होती है। आगे उड़ते हुए लीडर हवा को काटता है और उसके ठीक पीछे की हवा नीचे की और धकेली जाती है! इसे दोनवॉश कहते हैं उसके बगल से हवा ऊपर की और उठती है! ये बगल से उठती हवा फार्मेशन में पिछले दो पक्षीओं के लिए ईधन का काम करती है! इस हवा को up wash कहते हैं। इसीलिए लीड के बिलकुल पीछे न होकर यह दोनों पक्षी थोड़े से बहार निकल कर उड़ते हैं जिस से यह एयर फ्लो का इस्तेमाल कर लम्बी लम्बी यात्राओं पर अपनी एनेर्जी बचा सके। इसी तरह जुड़ते जुड़ते इस V फार्मेशन में 5-7 पक्षियों से लेकर कईं दर्जन पक्षी भी उड़ते हैं।वही अगर पीछे वाला पक्षी साइड मे ना उड़ कर ठीक पीछे एक सीधी कतार बना कर उड़े तो हवा उसको नीचे की ओर धकेलेगी और इस तरह ऊपर बने रहने के लिए उसे ज्यादा एनर्जी खर्च करनी पड़ेगी जिस से वो जल्दी ही थक जाएगा। लेकिन इसके उलट बगल से ऊपर उठती हवा के लालच में पीछे वाले पक्षी साइड में उड़ते है! आप बोलेंगे की ये सिस्टम तो बढ़िआ है लेकिन ऐसे में तो आगे वाले लीडर बर्ड के साथ तोह नाइंसाफी हो जाएगी! आगे वाले को बाकियों के मुकाबले ज़्यादा मेहनत करनी पड़ जाएगी! लेकिन नाइंसाफी न हो इसलिए पक्षी अपनी पोज़िशन बदलते रहते हैं! कभी कोई पक्षी आगे रहता है तो कभी दूसरा! और बारी-बारी से सबकी बारी आती है!