
भारत में करेंसी नोट्स की छपाई कहाँ और कैसे की जाती हैं?
दोस्तोँ क्या आप जानते हैं की भारतीय करेंसी नोट्स देश में 4 अलग अलग जगहों पर मौजूद प्रिंटिंग प्रेस में छापे जाते हैं यह 4 लोकेशंस हैं मध्यप्रदेश का देवास महाराष्ट्र का नाशिक शहर पश्चिम बंगाल का सालबोनी और कर्णाटक का मैसूर । दोस्तों रिज़र्व बैंक के मुताबिक हमारे देश में हर साल 2 हज़ार करोड़ वर्थ के करेंसी नोट्स छपता है। यह नोट बनाने के लिए कॉटन से बने कागज़ और एक ख़ास तरह की स्याही का इस्तेमाल किया जाता है जो मार्किट में नहीं मिलती।
रिपोर्ट्स की माने तो स्विट्ज़रलैंड की कंपनी सिकपा इस इंक की मैन्युफैक्चरिंग करती है और यह कंपनी भारत के अलावा और भी कईं देशों की करेंसी के लिए इंक सप्लाई करती है। साथ ही दोस्तों भारतीय करेंसी में इस्तेमाल होने वाला ज्यादातर पेपर भी बहार से ही इम्पोर्ट करना पड़ता है क्यूंकि हमारे देश में सिर्फ होशंगाबाद में एक सिक्योरिटी पेपर मिल है जो डिमांड के हिसाब से पेपर की सप्लाई नहीं कर सकती।
इस ख़ास पेपर को पहले एक मशीन वॉटरमार्क करती है और फिर इन पर करेंसी के हिसाब से छपाई की जाती है। इसके बाद बैंक नोट्स में चमकीले रेशे डाले जाते हैं जो uv लाइट में साफ़ दिखते हैं। इसके बाद नोट्स को नंबर किया जाता है और टेस्टिंग के बाद यह नोट रिज़र्व बैंक अलग अलग बैंक्स को डिस्ट्रीब्यूशन के लिए दे देता है । तो कुछ समझे?