
राज़ सोडा की बोतलें का!
दोस्तों आपने देखा होगा की यहाँ सोडा की और जूस की बोतलें का निचला हिस्सा ज्यादातर चपटा ही होता है लेकिन सभी सोडा और सॉफ्टड्रिंक की बोतलें के नीचे उभरा हुआ आकर होता है जिसका इस्तेमाल हमारे कलाकार बरी रचनात्मकता के साथ करते है,तो क्या ये डिज़ाइन सिर्फ उसी लिए होता है ?
जवाब है नहीं दोस्तों सोडा की इन प्लास्टिक की बोतलें के नीचे यह उभरा आकर विशेष उद्देश्य के लिए होते हैं और इनका उद्देश्य हेता है बॉटल की ताकत को बढ़ाना। जी हाँ सॉफ्ट ड्रिंक्स ज्यादातर ठंढे ही पी जाती है और तापमान में बदलाव के बदले में बॉटल में मौज़ूद तरल की मात्रा के साथ गती भी बढ़ती है ।
ऊपर से इन ड्रिंक्स में कार्बन डाइऑक्साइड गैस का भी इस्तेमाल होता है। ऐसे में बॉटल का आकर ऐसा होना चाहिए जो दबाव को झेलने के साथ साथ इतना मजबूत भी हो की हलके प्रभाव पे फट न जाए …अब दोस्तों आपको मैंने एक दूसरे एपिसोड में बताया था की हाई प्रेशर तरल पदार्थ या गैसों को ऐसे बोतल में रखा जाता है जिसमे कोई ढीले कोने ना हो, क्यूंकि इन्ही कोने पर सबसे ज्यादा जोर पड़ता है ।
इन उभरे आकर के ज़रिये ही इन बोतलें के ढीले कोने को हटाया जाता हैं और साथ ही बोतल को खड़ा रखने के लिए एक सपाट निचले हिस्से को बनाया जाता है। तभी तो अगर आपको प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल करके उसे मोर–मरोर करके फेंकने की आदत तो आप जानते ही होंगे की सोडा बोतल का सबसे कठोर हिस्सा इसका ये उभरा हुआ हिस्सा होता है।
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