
व्हिस्की आखिर बनती कैसे है?
यह ये फैक्ट है हमारे दारू के शौक़ीन दोस्तों के लिए। जैसा की हम जानते हैं की आप में से ज्यादातर लोग व्हिस्की ही पसंद करते हैं लेकिन क्या आप सब यह जानते हैं की व्हिस्की आखिर बनती कैसे है?नहीं जानते तो आज यह प्रोसेस भी समझ लीजिये क्या पता अगली पार्टी में आपके पास कुछ नया हो बताने के लिए। तो व्हिस्की बनाने के लिए सबसे ज़रूरी इंग्रेडिएंट होता है किसी तरह का अनाज जिसमे जुनई, मक्का, गेहूं कुछ भी हो सकता है लेकिन इसमें इनके मेल्टेड वर्शन को इस्तेमाल किया जाता है।
दोस्तों मेंल्टिंग एक ऐसा प्रोसेस है जिसमे इन ग्रेन्स को जर्मिनटे करके फिर अगले स्टेप पे सूखा लिया जाता है। ऐसा करने से अनाज के इन बीजों में कुछ स्पेशल एन्ज़इम्स पैदा होते हैं जो इसमें मौजूद स्टार्च को शुगर में बदलने में मदद करता है। सबसे पहले इस अनाज को पानी में मिक्स करके एक बड़े कंटेनर में डालकर बॉईल किया जाता है। फिर इसे ठंडा करने के बाद वापस फिर से उबाला जाता है। और ये प्रोसेस कई बार किया जाता है।
इसके बाद अगला स्टेप होता है इस मिक्सचर में यीस्ट या फिर खमीर डालना जो इसके अंदर मौजूद शुगर को ख़तम करने का काम करती है। कुछ ही घंटो में इसमें अल्कोहल की मात्रा बढ़ने लगती है। फिर इसे वापस गरम किया जाता है जिससे पुरे alcohol भाप बनकर ऊपर उठने लगता है और इसी भाप को दूसरे कंटेनर में condense करके कलेक्ट कर लिया जाता है। फिर इस व्हिस्की को लकड़ी के बार्रेल्स में भरकर स्टोर किया जाता है।
ये जानना भी ज़रूरी है दोस्तों के इन बार्रेल्स को अंदरसे जलाया होता है ताकि व्हिस्की को एक स्मोकी फ्लेवर मिल सके। फिर व्हिस्की से भरे इन बार्रेल्स को गोडाउन में लगभग 3-4 सालो तक रखा जाता है जिस से व्हिस्की का असली स्वाद निखर के आता है और यह जाना पहचाना ब्राउन कलर मिलता है।खैर इस प्रोसेस को समझने के बाद आप कहीं घर पे ही व्हिस्की बनाने का प्लान मत बना लेना।