
सड़क किनारे लगी इन लाइट्स को पावर कैसे दी जाती है?
दोस्तोँ आपने कभी न कभी किसी हाईवे रोड या चौराहे पर साइडस में लगी लिप लिप करती इन जलती बुझती लाइट्स को देखा होगा लेकिन क्या आप जानते हैं इन लाइट्स को पावर कैसे दी जाती है? क्या ज़मीन के निचे बिजली की तारे बिछाकर? नहीं दोस्तों आपको बतादूँ की रास्ते में लगने वाली इन लाइट्स को रोड स्टड कहते हैं जिसके एक पीेछे की कीमत 1000 से 1500 रूपए के बीच होती है।
दोस्तों इन स्टड्स की खासियत ही यह होती है की इन्हे किसी भी एक्सटर्नल पावर सोर्स की ज़रूरत नहीं पड़ती और यह पूरी तरह से सौर ऊर्जा जाने की सोलर पावर पर ही डिपेंद करता है। इन रोड स्टड्स में एक माइक्रोचिप सोलर पैनल ळीघ्र सेंसर लेद लिघ्ट्स और एक बैटरी फिटेड होती है।सेंसर का काम ये पता लगाना होता हैं कि दिन हैं या रात ।
जब रात होती है तब यह जलने भुजने लगती है और दिन होते ही बंद हो जाती है। मजे की बात यह है कि अगर आप रात में भी इसके ऊपर लाइट मारेगे तो यह जलना बंद हो जाएगा क्योंकि सेंसर को लगेगा कि दिन हैं।