
कैसे बना भारत Human Hair का सबसे बड़ा Exporter? | 2000 Crore Human Hair Industry in India Explained
बाल तो घर की खेती है फिर आ जाएंगे …अक्सर बाल उतरवाने के बाद हम ये डायलॉग बोलते है…पर क्या आपको अपनी इस घर की खेती की कीमत का अंदाजा है…मेरा मतलब कि क्या आपको पता है कि आपके कटे हुए बालों से अरबों का बिजनेस होता है……
नहीं ना ? मंदिर में मुंडन करवाते य़ा नाई की दुकान पर बाल कटवाते वक्त आपको इस बात का एहसास भी नहीं होगा कि आपके ये बाल करोड़ों-अरबों रुपये के कारोबार का हिस्सा बनने वाले हैं। जिसमें 100-200 नहीं सालाना 2,500 करोड़ की कमाई है…. जी हां, ये है भारत में बालों की खेती का कारोबार।
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बाल के बाजार में quality और size सबसे ज्यादा matter करती है….बाल जितने लंबे और अच्छे उसकी कीमत उतनी ज्यादा … अच्छी क्वालिटी के बालों का इस्तेमाल हेयर एक्सटेंशन ट्रीटमेंट और एमीनो एसिड बनाने में सबसे ज्यादा होता है …बालों से निकला एमिनो एसिड फेटिलाइजर्स से लेकर हेयर स्प्रे में इस्तेमाल होता है जिनकी बोटल मार्केट में 300 से 1000 रुपये में बिकती है….मानें हमारे ही बालों से निकाले एमिनो एसिड को हमें ही बेचा जा रहा है…
मुंडन में मिले रेशमी घने बालों का वेस्टर्न सैलून में एक्सटेंशन ट्रीटमेंट में भी इस्तेमाल होता है…और जिन बालों की क्वालिटी खराब होती है उन्हें भी Wigs, Hair Extensions, Eyelashes, Moustaches और Beards जैसे हेयर प्रोड्क्स में इस्तेमाल कर ही लिया जाता है ….
हां लेकिन बालों की इस मार्किट में सबसे ज्यादा डिमांड वर्जिन हेयर की है मानें ऐसे बाल जिनमें कोई रंग नहीं लगाए गए हैं और कोई ट्रीटमेंट भी नहीं हुआ है। और ऐसे बालों के लिए भारत से बेटर ऑप्शन तो वैसे भी कोई नहीं हो सकता…क्योंकि भारत के ज्यादातर लोग आज भी हेयर्स पर केमिकल प्रोड्क्ट लगाने से बचते हैं जिस वजह से दूसरे देशों की तुलना में भारतीयों के बालों की quality ज्यादा अच्छी होती है…और फिर भारतीयों के इन्हीं वर्जिन हेयर्स को एक्सपोर्ट कर अमेरिका, चीन, ब्रिटेन और यूरोप के बाजारों में करोड़ों में बेचा जाता है…..
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भारत में बालों के सबसे बड़े एक्सपोर्टर भारतीय मंदिर है …..ऐसा इसलिए क्योंकि सैलून से मिलने वाले बालों का साइज और क्वालिटी खास अच्छी नहीं होती….लेकिन मंदिरों में हर तरह के बाल मिल जाते हैं…..
भारत के धार्मिक स्थलों पर 1 साल के बच्चे से लेकर 60 साल तक के आदमियों का मुंडन होता है….हां लेकिन इनके पीछे की मान्यताएं और कारण जरुर अलग अलग होते हैं….साउथ के कई मंदिरों में महिलाओँ का भी मुंडन होता है…..जिसमें तरुपति और तिरुमाला जैसे बड़े बड़े मंदिर भी शामिल है…इन मंदिरों में महिला और पुरुषों का मुंडन किया जाता है और फिर उनके बालों की बोली लगाई जाती है….तिरुपति बालाजी में हर साल मुंडन के बालों का 150 से 200 करोड़ का ऑक्शन होता है… तिरुपति अपनी सालाना इनकम का 10 प्रेसेंट मुंडन के बालों को बेचकर ही कमा लेता है…..
और सिर्फ तिरुपति और तिरुमाला में ही नहीं भारत के हर धार्मिक स्थल पर उतरने वाले बालों को कंपनियां अच्छी कीमत देकर खरीदती है…फिर मुंडन के इन बालों को पहले फैक्ट्री ले जाया जाता है जहां बालों को अच्छे से सुलझाने के बाद इन्हें केमिकल से साफ किया जाता है और फिर इंटरनेशनल मार्केट में बेच दिया जाता है….जहां एक किलो बाल की कीमत 27 हजार से 75 हजार के बीच होती है…..
ह्यूमन हेयर एक्सपोर्ट के मामले में भारत और चाइना दुनिया के सबसे बड़े एक्सपोर्टर है लेकिन उसमें भी भारतीय बालों की कीमत चाइना से ज्यादा अच्छी है…..खासतौर पर साउथ की महिलाओं के बालों की डिमांड सबसे ज्यादा है….और वो इसलिए क्योंकि साउथ की महिलाओं के बाल दूसरे स्टेट की महिलाओं के मुकाबले बहुत लंबे घने होते हैं…….और इनके बालों से ज्यादा खूबसूरत एक्सटेंशन बनते हैं…. ये सब पॉसीबल हो पाया सिर्फ और सिर्फ आपके बालों की खेती की वजह से …तो अब अपने बालों को मामूली मत समझना ….क्योंकि ये करोड़ों के हैं……और इसके साथ अब मेरा और आपको आज का ये सफर यहीं खत्म होता है…..आपको ये post कैसा लगा कमेंट जरुर बताना…..post पसंद आया हो तो लाइक करना अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करना .