Home रक्षा ट्रेनिंग में कमांडोज़ को मिलती हैं ऐसी सज़ाएं, तब बनते हैं फौलाद! | Indian Army Commandos Punishments

ट्रेनिंग में कमांडोज़ को मिलती हैं ऐसी सज़ाएं, तब बनते हैं फौलाद! | Indian Army Commandos Punishments

गर्म रेगिस्तान हो या जानलेवा जंगल इन Commandos को फर्क नहीं पड़ता…जिस दिन इन्हें ये वर्दी मिलती है उसदिन से इनका शरीर लोहे का बन जाता है फिर इन्हें ना मरने से डर लगता है ना मारने से…लेकिन वर्दी से मिलने से पहले ट्रेनिंग के दौरान छोटी-छोटी गलतियों पर भी सोलजर्स को ऐसी Punishment दी जाती है जिसके बारे में सोचकर ही एक आम इंसान की सिट्टी पिट्टी भूल हो जाए.…

तो तैयार हो जाइए Factified के इस एपिसोड में कंमाडो ट्रेनिंग के दौरान सोलजर्स को मिलने वाली ऐसी सजा के बारे में जाने के लिए जो आपको रोंगटे खड़े कर देगी…  

महाराजा 

Cadet कौन सी मिलिट्री फोर्स का हिस्सा है फर्क नहीं पड़ता …क्योंकि ट्रेनिंग के दौरान हर फोर्स के कैडिट को महाराजा Punshiment झेलनी ही पड़ती है…इस Punshiment में Cadets को अपनी बॉडी vertical shape में लिफ्ट करते हुए सिर्फ सिर के बल आगे मूव करना पड़ता है…इस Punshiment से होने वाले दर्द को सिर्फ वही समझ सकता है जो आर्मी का हिस्सा रहा हो…..

Pick up the heaviest

एक सोलजर के लिए route मार्च उसकी सबसे important duties में से एक होती है…और अगर इस ड्यूटी के दौरान कोई कैडिट आराम करता पकड़ा जाए या फिर ढंग से मार्च ना करे तो ऐसे कैडिटस को मिलती है Pick up the heaviest की punishment…इस punishment में कैडिट को अपनी यूनिट के सबसे heavy cadet को चुनना पड़ता है और उसे अपने कंधे पर बिठाकर पूरी मार्च कम्पलीट करनी पड़ती है….

खूनी नाला 

Maharaja और Pick up the heaviest जैसी Punishments तो कैडिट फिर भी झेल लेते हैं….लेकिन खूनी नाला की Punishment का तो नाम सुनते ही कैडिट्स की नींद उड़ जाती है …और वो इसलिए क्योंकि ये कंमाडो ट्रेनिंग की सबसे गंदी  Punishment है …..और ये सजा कंमाडोज को तब दी जाती है जब वो अपने वैपेन कहीं रखकर भुल जाते हैं….

कंमाडोज की जान उनकी बंदूक होती है…ये बंदूक ही कंमाडो की साथी  है और यही रक्षक भी….और अगर ऐसे में कंमाडोज गलती से अपनी राइफल कहीं रखकर भुल जाएं तो समझो पूरी टीम की शामत है…….

कंमाडोज ट्रेनिंग की सुबह 4 बजे से शुरु हो जाती है…..ट्रेनिंग के दौरान एक पल की सांस लेना भी इन सोलजर्स के लिए नसीब की बात है…..

और इस बीच अगर कोई कंमाडो जल्दबाजी या थकावट की वजह से अपनी राइफल कहीं रखकर भुल जाता है….तो इसकी सजा सिर्फ उस कमांडो को नहीं उसकी पूरी टीम को भुगतनी पड़ती है….

Punishment के तौर पर पूरी यूनिट को खूनी नाला में घंटो गुजराने पड़ते है…खूनी नाला गंदे बदबूदार कीचड़ से भरी जगह होती है…जहां कई खतरनाक कीड़े मकोड़े जैसे जहरीले बिच्छु और मकड़ियां होती है…..ये नाला इतना गंदा और बदबूदार होता है कि कोई आम इंसान सिर्फ इसकी बदबू से ही मर जाए….

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राइफल रखकर भुलने पर  सजा के तौर पर कंमाडोज को इस नाले में घंटों रहना पड़ता है….और अगर इस दौरान कोई मकड़ी .या जहरीले बिच्छू भी काटे दें तभी कंमाडो उफ्फ नहीं करते……..सजा पूरी होने के बाद भी नाले की बदबू कंमाडोज की वर्दी से हफ्तों तक नहीं जाती …

आपमें से कई लोगों को तो शायद ये देखकर ही उल्टी जैसा मन हो रहा होगा….लेकिन इन कंमाडोज की ये रोज की कहानी है…..

instructors के नजरिए से कंमाडो ट्रेनिंग के दौरान मिलने वाली ये कड़ी सजाएं और ट्रेनिंग बहुत जरुरी है…….

क्योंकि ये सजा दिखने में कितनी भी गंदी और खतरनाक हो …पर ऐसी ही punishments कंमाडोज को बद से बदतर हालात में रहना सीखाती हैं और फिर जब वो ट्रेनिंग पूरी कर ड्यूटी पर जाते हैं तो उनकी यही punishments उन्हें हर हालात में जिंदा रहना सीखा देती हैं….. इसलिए तो कहते हैं कि कमांडो सिर्फ एक रैंक नहीं एक जूनुन है जिसके आगे  हाई टैक हथियार भी नहीं टिकते 

तो दोस्तों मिलिट्री ट्रेनिंग की ये इनसाइड स्टोरी जानकर आपको कैसा लगा जल्दी से कमेंट करके बताओ…post पसंद आया हो तो इसे लाइक करो…और हमारे जवानों की इस मेहनत को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरुर करना.. post अंत तक देखने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया 

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