Home आश्चर्यजनक तथ्य ISRO vs Space X – Who will win the Space war? |

ISRO vs Space X – Who will win the Space war? |

एलन मस्क की कंपनी Space X का नाम तो आपने सुना ही होगा .. कुछ ही सालों में स्पेस एक्स दुनियाभर की बड़ी बडी़ स्पेस आर्गनाइजेशन से आगे निकल चुका है…और अब स्पेस एक्स की सीधी टक्कर है भारत से……स्पेस एक्स के पास बेहिसाब पैसा और टेक्नॉलजी है तो भारत के पास टैलेंट और एक्सपीरियंस है…एक का मोटिव अपनी कंपनी को स्पेस सेक्टर में बेस्ट साबित करना है तो एक मोटिव अपने देश का तिरंगा स्पेस में लहराना….लेकिन बेस्ट तो एक ही होता हैना..और अब आपके मन में भी ये सवाल तो जरुर घूम रहा होगा कि Space X और ISRO में कौन है बेस्ट……

भारतीय स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन इसरो को भारत सरकार ने 1969 में शुरु किया था. एक गर्वमनेंट आर्गनाइजेशन होने की वजह से इसरो के सारे मिशन देश की योजानाओं और डेवपलमेंट के लिए होते हैं…
वहीं स्पेस एक्स की बात करें तो एलन मस्क ने इस कंपनी की शुरुआत 2002 में की थी…शुरुआत में स्पेस एक्स सिर्फ नासा जैसी दूसरी बड़ी स्पेस आर्गनाइजेशन के लिए लांचर Vehicles बनाने का काम करती थी….लेकिन अब स्पेस एक्स ने भी अपने सैटलाइट लांच करना शुरु कर दिया है……

Isro Rockets Vs Spacex

इसरो के पास 3 launch vehicles है – Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV), Geosynchronous Satellite Launch Vehicle (GSLV) और GSLV Mark III….PSLV की Payload Capacity Lower Earth Orbit तक 1,750 kg और GTO पर 1,425 kg है Pslv की कमाल की वर्क कैपसिटी की वजह से इसे इसरो का Workhorse भी कहा जाता है….
वहीं इसरो के रॉकेट GSLV की Payload कैपसिटी LEO पर 5,000 kg और GTO 2,500 KG है…. GSLV Mark III की बता करें तो ये इसरो का सबसे एडवांस रॉकेट है जिसकी Payload Capacity Lower orbit पर 8,000 Kg और GTO पर 4,000 Kg है…Affordable Launching Price की वजह से इसरो के इन लांचिंग Vehclies की डिमांड वर्ल्डवाइड है…..
अब बात स्पेस एक्स के रॉकेट्स की करते हैं….इसरो के launching vehicles को टक्कर देते हैं स्पेस एक्स के Falcon 9 और Falcon 9 heavy ….space x के पास अभी सिर्फ 2 लांचिंग vehicles है लेकिन इनकी Payload Capacity इसरो के रॉकेट्स से कहीं ज्यादा है.…

Falcon 9 की ही बात करें तो इस रॉकेट की पेलोड कैपसिटी LOWER ORBIT पर 22,800 kg है और GTO ( Geosynchronous Transfer Orbits ) पर 8,300 kg है । वही Falcon heavy की पेलोड कैपसिटी leo पर 63,800 kg और GTO पर 26,700 kg है ।

इसरो और स्पेस एक्स के रॉकेट्स अपनी-अपनी जगह पर परफेक्ट है पर इसरो और स्पेस एक्स के रॉकेट के बीच सबसे बड़ा कोई अंतर है तो वो ये कि इसरो के Launching vehicles Reusable फैसलिटी के साथ नहीं आते…जबकि स्पेस एक्स Reusable rockets बनाता है….वहीं स्पेस एक्स के पास Dragon Cargo भी है जो स्पेस में सामान और एस्ट्रॉनॉट्स भेजने के काम आता है जबकि इसरो आज तक कोई भी एस्ट्रोनॉट स्पेस में नहीं भेज पाया है….

Achievements SpaceX Vs ISRO

इसरो ने स्पेस में अपना पहला सैटलाइट लांच 1975 में किया था…इस सैटलाइट का नाम आर्यभट्ट था …1975 से 2021 तक इसरो 96 मिशन्स को अंजाम दे चुका है जिसमें से केवल 8 मिशन लांचिंग vehicle में तकनीकी खराब के चलते फेल हुए थे…इसरो की Historical Achivements में Chandrayaan-1 मिशन 2008 और Mangalyaan मिशन 2013 है…..

इसरो के दम पर भारत स्पेस सेक्टर में आज Canada, South Korea, England, France, Germany, Saudi Arabia, Qatar, UAE, और Australia जैसी रिच कंट्रीज से आगे निकल चुका है

भारत दुनिया का पांचवा ऐसा देश है जिसके space orbit पर सबसे ज्यादा सैटलाइट operational है…भारत के मौजूदा समय में 96 सैटलाइट एक्टिव है और वो सिर्फ US, Russia, China, और Japan से पीछे हैं… 2017 में इसरो ने एक सिंगल रॉकेट्स से 104 सैटलाइट्स को लांच कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था जो इसरो की अब तक की सबसे बड़ी एचीवमेंट है ।

वहीं स्पेस एक्स ने अपना पहला रॉकेट Falcon 9 जून 2010 में लांच किया था और तब से अब तक स्पेस एक्स 51 रॉकेट्स लांच कर चुका है जिसमें से 49 मिशन कामयाब रहे हैं…2018 तक स्पेस एक्स का main work लांचर प्रवाइड कराना था…लेकिन 2018 से 2020 के बीच स्पेस एक्स ने स्टारलिंक के internet constellation के लिए 955 सैटलाइट लांच किए और स्पेस एक्स 42 हजार सैटलाइट और लांच करने की तैयारी कर रहा है ताकि ब्रांडबैंड सर्विस को खत्म कर इंटरनेट सीधा सैटलाइट से लोगों के घरों तक पहुंचाया जा सकें ।

स्पेस एक्स बहुत ही कम टाइम में सैटलाइट्स की ज्यादा quantity बनाने में कामयाब हो गया और अब ये कंपनी दुनिया की largest satellite producer और operator है।

The money game

स्पेस एक्स प्राइवेट आर्गनाइजेशन है जिसे Google और Fidelity जैसी मल्टीनेशनल कंपनियां Fund करती है…..Forbes की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक स्पेस एक्स का Early Net worth $20 billion (Rs 13.035 crore) की है …..

वहीं जैसा की आप जानते ही हैं कि इसरो एक Government Orginisation है इसलिए इसरो के पास गूगल जैसे Sponsers नहीं है और इसकी फंडिंग सरकार से होती है….इसरो का सालाना बजट 9000 करोड़ के आस पास का है…..

सरकार के अलावा इसरो दूसरे देशों के लिए सैटलाइट लांच करके भी पैसे कमाता है..…

Cheapest launching service होने की वजह से इसरो के Clients में 30 से ज्यादा देश शामिल हैं….इसरो के Pslv की per launch cost 15 मिलियन डॉलर है …मानें किसी बिग बजट हॉलीवुड फिल्म से भी कम…..इसरो के मुकाबले स्पेस एक्स की लांचिंग कोस्ट काफी ज्यादा है….स्पेस एक्स के Faclon 9 की ही बात करें तो Falcon 9 की per launch COST 60 MILLION डॉलर है…pSLV से चार गुना ज्यादा

Upcoming Missions Isro Vs Spacex

इसरो के On Going Missions में गगनयान, शुक्रयान और Sun Study शामिल है जो इस स्पेस सेक्टर में भारत की किस्मत बदलने वाले हैं…गगयान के जरिए इसरो पहली बार अपने क्रू मेंबर्स को स्पेस में भेजने वाला है और अगर ये मिशन कामयाब हो जाता है तो इसरो भी जल्द ही स्पेस टूरिज्म में एंट्री करेगा….

वहीं स्पेस एक्स का फंडा यहां पर क्लियर है….स्पेस एक्स पुरी दुनिया को अपनी सर्विस बांटना चाहता है ….स्पेस एक्स का मैन मिशन मार्स पर लोगों को भेजना है…और स्पेस एक्स का दावा है कि 2025 तक आम लोगों के लिए मार्स की ट्रेवलिंग पॉसीबल हो जाएगी…….. स्पेस एक्स अपनी Parenting company starlink की wireless broad band serice को Successful बनाने के लिए भी लगातार सैटलाइट लांच कर रहा है.…

अब Achivements, Missions, Rockets & Money बेस पर देंखें तो स्पेस एक्स का पलड़ा भारी नजर आता है…..और वो इसलिए क्योंकि स्पेस एक्स के पास फंडिंग की कमी नहीं है …हां लेकिन हमें ये भी नहीं भुलना चाहिए कि स्पेस एक्स अभी इस फील्ड में नया है और इसरो इस फील्ड का पुराना खिलाड़ी है…

इसरो ने कम बजट में भी वो कारनामे करके दिखाएं है जो दुनियाभर के बड़े बड़़े स्पेस रिसर्च सेंटर्स नहीं कर पाए… और आपको यहां पर एक बात और समझने की जरुरत है कि इसरो देश के लिए काम कर रहा है और स्पेस एक्स प्रोफिट के लिए

अब आपकी नजर में स्पेस एक्स और इसरो में कौन बेटर है जल्दी से कमेंट करके बताओ…

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