
जब Kishore Kumar के गानों पर AIR में लगा था बैन
Kishore Kumar: सिर्फ ऐक्टिंग ही नहीं बल्कि म्यूजिक इंडस्ट्री के बेताज बादशाह किशोर कुमार( Kishore Kumar) के बारे में कौन नहीं जानता। उन्होंने अपने करिअर में इतने हिट गाने दिए कि आज भी उनका कोई मुकाबला ढूंढ पाना रेत में मछली ढूँढने जैसा है। किशोर कुमार ने जब पहली बार देवानंद की फिल्म जिद्दी में गाना गया था तब किसी ने नहीं सोचा था कि एक शौकीन आदमी इंडियन सिनेमा की इबारत लिख डालेगा। किशोर कुमार के फिल्मी किरदार और इंडस्ट्री के लोगों से व्यवहार जितना मौज मस्ती से भरा रहा, उतनी ही उनकी जिंदगी में विवाद भरे पड़े थे।
एक ऐसा वक्त भी आया जब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से किशोर कुमार की अड़ गई थी। 1975 का समय था, किशोर कुमार देश के सबसे बड़े सिंगर्स में से एक बन चुके थे, उनका करिअर चरम पर था। इंदिरा गांधी ने एक ऑफर किशोर तक पहुंचाया लेकिन बात इतनी बिगड़ी कि किशोर कुमार के गानों पर बैन ही लग गया।
बात शुरू होती है 1971 के लोकसभा चुनाव से जब इंदिरा गांधी ने राज नारायण को हराया था, जिसके चार साल बाद राज नारायण ने हाई कोर्ट में चुनाव के नतीजों को चुनौती दी थी। इल्जाम ये था कि इंदिरा गांधी ने चुनाव में सरकारी मशीनरी का गलत तरह से इस्तेमाल किया है, उन्होंने तय सीमा से अधिक पैसा खर्च किया और मतदाताओं को इम्प्रेस करने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया। बात तब बढ़ गई जब अदालत ने इन आरोपों को सही ठहरा दिया था।
Kishore Kumar के गाने:
लेकिन इंदिरा गांधी इस्तीफा देने को तैयार नहीं थी। हर तरफ विरोध बढ़ चुका था। इंदिरा की नीतियों का विरोध कर रहे कई और नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया और देशभर की कई जेलों में डाल दिया गया। 25 जून 1975 को देश में emergency की घोषणा हो गई थी। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने तक इमरजेंसी लगी थी। शायद ही कोई इंडस्ट्री होगी जो इस आपातकाल का शिकार नहीं हुई। बॉलीवुड तक भी इसका अच्छा खास असर पहुँच गया था।
आपातकाल के वक्त कांग्रेस सरकार चाहती थी कि सरकारी योजनाओं की जानकारी किशोर कुमार अपनी आवाज में गाना गाकर दें। उन दिनों किशोर कुमार(Kishore Kumar songs) की दीवानगी लोगों के सर चढ़कर बोलती थी। काँग्रेस ये समझ चुकी थी कि कोई ऐसा तरीका निकालना पड़ेगा जिससे लोग उन पर भरोसा करें और किशोर की फैन फालोइंग से फायदा उठाया जा सकता है।
काँग्रेस की policies का बखान करने के लिए किशोर कुमार से मिलने इंदिरा गांधी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री वीसी शुक्ला पहुंचे। वो चाहते थे किशोर, इंदिरा गांधी के लिए गाने गाए जिससे लोगों तक उनकी आवाज पहुंचे। किशोर कुमार ने संदेश देने वाले से पूछा कि उन्हें ये गाना क्यों गाना चाहिए तो उसने कहा, क्योंकि वीसी शुक्ला ने ये आदेश दिया है। ये सुनते ही किशोर कुमार(Kishore Kumar conroversy) भड़क गए और गाने के लिए मना कर दिया। यह बात कांग्रेस को इस कदर नागवार गुजरी थी कि उन्होंने किशोर कुमार के गाने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिए थे।
इमरजेंसी के वक्त रूलिंग पार्टी के पास बहुत पावर थी। इंदिरा गांधी जब तक चाहती तब तक प्रधानमंत्री बनी रह सकती थी। मीडिया के पास खुलकर काम करने की आजादी नहीं थी। सरकार जैसा भी चाहती वैसा कानून पास कर सकती थी। मीडिया पर सरकार की इजाजत के बिना कुछ भी लिखने-बोलने पर पाबंदी लगा दी, जिसने भी इनकार किया उसे जेलों में डाल दिया गया। और इस पावर का आधार वो प्रावधान था जो धारा-352 के तहत सरकार को असीमित अधिकार देती थी।लेकिन आपातकाल में जनता ने जो कुछ भी झेला उसका नतीजा अगले चुनाव में सामने या गया। 1977 के चुनाव में देश ने कॉंग्रेस को चुनने से साफ इनकार कर दिया था। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हो रहा था कि सत्ता में काँग्रेस की जगह कोई और पार्टी थी।