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Home आश्चर्यजनक तथ्य क्या है Digital Rupee, कैसे आप कर सकते हैं इस्तेमाल?

क्या है Digital Rupee, कैसे आप कर सकते हैं इस्तेमाल?

अब टाइम आ गया है जब न कैश रखने का झंझट रहेगा और न ही रुपए चोरी होने की टेंशन, क्योंकि आरबीआई ने अब डिजिटल currency को official करने का फैसला कर लिया है,,,  जो पूरी तरह से आपके कागज के नोटों की जगह ले लेगा। फाइनैन्स मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने इस साल के बजट में भी डिजिटल करंसी की बात की थी और साल खत्म होने से पहले देश के 4 शहरों में इसे लॉन्च भी कर दिया गया है।

सरकार ने CBDC यानि central bank digital currency को लॉन्च किया है जिसे क्रिप्टो करंसी का अल्टरनेटिव बताया जा रहा है। इसे रीटेल सेक्टर में laya गया  है। अगर आप सोच रहे हैं कि ये UPI यानि आपका paytm और GOOGLE PAY है,,,  तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ये पूरी तरह से पेपर नोट और coins को रिप्लेस कर देगा। आरबीआई ने पहले डिजिटल रूपी पायलट प्रोग्राम को होलसेल सेगमेंट के लिए 1 नवंबर को लॉन्च किया था। लेकिन अब वो पूरी तरह से इस करेंसी को लांच करने की तैयारी में है।

-सबसे पहले तो ये समझने की जरूरत है कि डिजिटल रूपी क्या है ? और इसकी जरूरत आखिर इंडिया में क्यों पड़ी?

ये एक डिजिटल करंसी है जिसे सेंट्रल बैंक इशू करता है ,,,, यानि भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इसे इशू करेगा जिसे CBDC कहा जाएगा। वहीं आज का रुपया फिसिकल फॉर्म में है और आप अपने अकाउंट से किसी को, 1 लाख रुपए transfer करते हैं,,,  तो ये transaction फिसिकल फॉर्म में भी होता है,,,   भले ही आपने डिजिटल ट्रैन्सैक्शन किया हो। आरबीआई ने उस रूपी को प्रिन्ट किया होगा। 2 हजार का नोट, 100 का, 20 का नोट को प्रिन्ट किया गया होगा। basically पेपर नोट का ही ट्रांसफर होता है, चाहे transaction कैसी भी हो।

इससे पहले सेंट्रल बैंक ने डिजिटल फॉर्म में करंसी को कभी रिलीज नहीं किया है ऐसा पहली बार है कि कान्टैक्टलेस ट्रैन्सैक्शन के लिए ये डिजिटल नोट लॉन्च किये हैं। अब आपके दिमाग में ये सवाल भी आ ही रहा होगा कि “करंसी इस्तेमाल कैसे करेंगे?” तो इस इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपए को कान्टैक्टलेस transaction में use किया जा सकता है। इंडिया में ये करंसी दो तरह की होगी CBDC- Retail और दूसरी CBDC-Wholesale। 1 नवंबर को wholesale के लिए इसे लॉन्च किया गया था जो फाइनैन्शल institutes के लिए है यानि banks,नॉन बैंकिंग फाइनैन्स कंपनी और बड़े सौदे करने वाले इंस्टिट्यूटस। आपको बता दें की, banks जो होते है,,,  उन्हें सरकार से govt bond जिन्हें govt security कहा जाता है, इसे खरीदना होता है तो अब बैंक डिजिटल करंसी से इसे खरीद सकते हैं।

वहीं बात रीटेल की करें तो ये हम और आप जैसे आम आदमी के लिए है। अगर हमें कोई समान खरीदना है तो अब तक हम पेपर नोट या coins यूज करते थे लेकिन अब हम इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में लेन देन कर पाएंगे। जब इसे हम अपने खर्चे, बिजनेस और अन्य कामों में शुरू कर देंगे तो ये रीटेल E-RUPEE बेस्ड का हिस्सा हो जाएगा। रीटेल केटेगरी में हर age केटेगरी के लोगों को शामिल किया जाएगा फिर उनका जो experience होगा उस basis पर ये देखा जाएगा कि क्या चेंजेस किये जा सकते है। उसके बाद जिन भी फीचर्स में सुधार किया जाना है उनमें बदलाव किये जाएंगे।

अब इस करंसी को लाने की क्यों जरूरत पड़ी? इस बारे में खुद आरबीआई ने कुछ दिनों पहले कहा था कि डिजिटल रुपए का पेपर करंसी के मौजूदा चेहरे को बदलने की बजाय डिजिटल करंसी को उनका subsidiary बनाना है और जिससे लोगों के पास पेमेंट करने के एक्स्ट्रा ऑप्शन भी हो।

-अब इनके फायदे की बात करें तो सबसे बड़ा फायदा तो यही होगा कि नकद रुपये के सहारे हमें नहीं रहना पड़ेगा। जिससे हमारी ट्रैन्सैक्शन में होने वाली दिककते भी दूर होंगी साथ ही इसके खराब होने के भी chances नहीं है जैसे पेपर नोट के फंटने, पानी में भीगने से खराब होने या मुड़ने के chances होते हैं।

साथ ही फर्जी, नकली नोट और सिक्कों से हम बच पाएंगे। ये करंसी हमारे लिए एक valid पेमेंट ऑप्शन बनेगी। जब आरबीआई का e-rupee आ जाएगा तब हमें हर वक्त पर्स में या जेब में कैश रखने की कम जरूरत पड़ेगी। साथ ही चोरी हो जाने की दिक्कत खत्म होगी। अनुमान तो ऐसा भी है जैसे upi की वजह से लोगों ने cash इस्तेमाल करना कम कर दिया है वैसे ही इसके आने से शायद लोग कैश का चेहरा ही भूल जाएँ।

इंडिया की फ्यूचर करंसी यानि डिजिटल करंसी को लोग मोबाईल वॉलेट में रख पाएंगे इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला जा सकेगा। साथ ही इसका एक सबसे बड़ा फायदा ये है online मनी transfer में charges लगते हैं वो भी एक हद तक कम हो जाएंगे। इससे सभी लीगल लेन देन तक सरकार की पहुँच हो जाएगी जिससे देश में आने वाले पैसे और बाहर भेजे गए पैसे पर govt का कंट्रोल भी बढ़ेगा।

इसके साथ ही पेपर नोट के प्रिन्ट में होने वाले खर्चे भी कम होंगे वहीं जब डिजिटल करंसी आ जाएगी तो कभी खराब नहीं होगी जैसे कागज के नोट हो जाया करते हैं। इसके साथ ही इसे UPI से भी जोड़ा जाएगा जिससे लोग paytm जैसे एप के वॉलेट से लेन देन कर पाएंगे। कोई भी व्यक्ति कितना भी डिजिटल मनी रख पाएगा वहीं इसकी सीमा भी फिक्स की जा सकती है। इससे एक काम और किया जाएगा कि पेमेंट की प्राइवसी बनी रहे।

बहुत से लोगों के दिमाग में ये सवाल भी आ रहा होगा कि क्या इसके आने के बाद कागज के नोट पूरी तरह बंद हो जाएंगे तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। बल्कि ये कैश इस्तेमाल करने के तरीके को और easy बनाने के लिए है। डिजिटल नोट और कागज के नोट दोनों साथ में एक साथ चलेंगे और सबसे बड़ी बात जैसी दिक्कत हमें UPI में होती है वो इसमें नहीं होंगी यानि इसे कुछ इस तरह लाया जाएगा कि ये बिना इंटरनेट के भी इस्तेमाल की जा सके। साथ ही डिजिटल नोट को लाने के लिए ऐसी भी कोशिश की जाएगी कि वो लोग भी इसे use कर पाए जिनके पास अभी भी बैंक अकाउंट नहीं है।

बाकी transaction के मुकाबले CBDC ज्यादा सेफ है इसकी वजह है कि ये ब्लॉकचेन सिस्टम बेस्ड है जिसमें चोरी और फ्रॉड कर पाना बहुत मुश्किल है। ब्लॉकचेन सिस्टम में डेटा को सिक्युरिटी के साथ शेयर किया जाता है और मनी ट्रैन्स्फर भी स्पीड से होता है जिससे बैंकिंग सिस्टम में एक पाज़िटिव बदलाव देखने को मिल सकता है।

-RBI का डिजिटल रुपी क्रिप्टोकरंसी से कैसे अलग है? अब ये सवाल तो आपके दिमाग में आया ही होगा तो आपको सबसे पहले बता दें कि ये दोनों करंसी एक दूसरे से एकदम अलग हैं। क्योंकि E-RUPEE को आरबीआई की तरफ से officially जारी किया जाएगा जिसके पास एक सरकारी मान्यता होगी। वहीं बात क्रिप्टो की करें ये सब गैर सरकारी है और इसका कोई लीगल टेन्डर भी नहीं निकलता। लेकिन डिजिटल रुपी और क्रिप्टोकरंसी में एक समानता है कि इसमें भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का यूज किया जाएगा।

डिजिटल रूपी आने के बाद क्या इंडियन ईकानमी को फायदा होगा हमें कमेन्ट करके जरूर बताएं।

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